आज पहली बार इस ब्लॉग पे में हिंदी में एक पोस्ट लिखने की कोशिश कर रहा हूँ। और शायद काफी गलतियां भी करूँगा। कृपया मेरी गलतियों को अनदेखा करें। धन्यवाद उन हिंदी ब्लागरों का जिन्होंने ये याद दिलाया कि हमारा देश हिंदीभाषी देश है और ज़्यादातर लोग हिंदी अच्छे से समझते हैं। मेरी कोशिश रहेगी की मैं महीने में एक हिंदी पोस्ट पक्का लिखूं।
तो आज मैं आपको ले के चलता हूँ एक छोटी और खूबसूरत जगह, जिसका नाम है बरोट. ये एक छोटा सा गांव है भारत देश के हिमालयन राज्य हिमाचल प्रदेश में. यूँ तो ये मंडी ज़िले में पड़ता है, परंतु दिल्ली से जाना हो तो आपको पालमपुर और बैजनाथ होकर जाना चाहिए। दिल्ली का ज़िक्र इसलिए किया क्योंकि ये एक ऐसी जगह है जहा से रास्ता हर कोई समझ सकता है। आप अपने शहर से बरोट का रास्ता आराम से पता कर सकते हैं। Google Maps भी आपकी सहायता कर सकते हैं।
अगर आप भीड़ भाड़ से अलग प्राकृतिक दृश्यों का आनंद उठाना चाहते हैं तो बरोट आपके लिए एक बहुत अच्छी जगह है। लेकिन कुछ चीज़ों का ध्यान रखें - अपना कार्यक्रम निश्चित करने से पहले. यहाँ आपको कोई होटल नहीं मिलेगा। यहाँ कुछ home stays हैं और ३ सरकारी guesthouse . कोशिश की जाये तो guesthouse मिल सकता है। २ जंगलात महकमे के हैं और १ HPPWD का.
यहाँ पहुंचने के लिए आपको बस मिल सकती है किन्तु बहुत कम buses जाती हैं यहाँ। मैं दोनों बार अपने एक मित्र की car से गया हूँ। हम हमेशा एक दिन के लिए पालमपुर रुकते हैं और फिर बरोट निकल जाते हैं २ दिन के लिए. पालमपुर से बरोट ३ घंटे का सफर है। आपको बैजनाथ और जोगिन्दरनगर से गुज़रना होता है। पालमपुर भी एक अदभुत जगह है जहाँ बहुत कम लोग जाते हैं।
बरोट एक बहुत सुन्दर घाटी है जो की ऊंचे पहाड़ों से घिरी है और इसके बीचोंबीच एक बर्फीले पानी की नदी बहती है। इस नदी का पानी हमेशा अत्यंत ठंडा होता है। पानी क्या, यहाँ का मौसम हमेशा अच्छा रहता है। मई महीने में जब की पूरे उत्तर भारत में गर्मी से हाल बेहाल होते हैं, बरोट में आपको गर्म कपडे पहनने पड़ते हैं। सुबह और शाम ठण्ड का असर ज़्यादा होता है।
अगर आप मछली पसंद करते हैं, तो यहाँ trout farming भी होती है। खाने के लिए मात्र एक ढाबा है जो की एक युवक चलाता है। उसे खाना बनाने का शौक है और उसने शहरों में काम सीख है। खाना बनाने में निपुण यह युवक बातें भी अच्छी करता है।
जब आप बरोट में हैं तो आपको प्राकृतिक सैर का खूब आनंद लेना चाइये। यहाँ से कुछ Treks भी शुरू होते हैं। आपके पास कितना समय है, उसके अनुसार आप ट्रैकिंग भी कर सकते हैं।
गांव के बीचोंबीच एक Hydro Project भी है। इसका नज़ारा भी बहुत मज़ेदार है।
कुछ दृश्यों का शब्दों में व्याख्यान करना मुश्किल है इसीलिए यहाँ कुछ और तसवीरें है। ऊपर वाली तस्वीर का दृष्य मन को भा गया और हम लोगों ने यहाँ बहुत समय व्ययतीत किया।
ये सुनिश्चित रूप से मेरी एक सबसे अच्छी यात्रायों में से है।
जहाँ हिंदी Travel Blogs की बात आती है , Desi Traveller ने एक बहुत अच्छी लिस्ट बनाई है , जो आप यहाँ देख सकते हैं।
यहाँ आपको आराम से ३००-५०० रु में कमरा मिल जायेगा और आपको सादा पहाड़ी खाना खानेको मिलेगा।
बोलने के लिए ये एक गांव है किन्तु सब सुविधाएं हैं। पाठशाला, स्वास्थ्य केंद्र , पानी और बिजली की उचित व्यवस्था। पानी और बिजली के मामले में हिमाचल काफी आगे है।
ऊपर वाली तस्वीर में जो यन्त्र है , उसे पहाड़ी भाषा में खड्डी कहते हैं। यह ऊन से कम्बल बनाने के काम आती है।
हम लोग नदी किनारे एक Home Stay में रहे।
बरोट के पास ही एक सुन्दर मंदिर है। यह मंदिर पशाकोट के नाम से प्रसिद्ध है।
उम्मीद है आपको हमारी ये पहल अच्छी लगेगी। कृपया आपके विचार comments के माध्यम से हम तक पहुंचाएं।
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- Manage your waste well and don’t litter
- Use dustbins. Tell us if you went to a place and found it hard to locate a dustbin.
- Avoid bottle waters in hills. Usually you get clean water in hills and water bottles create lot of mess in our ecosystem.
- Say big no to plastic and avoid those unhealthy snacks packed in plastic bags. Rather buy fruits.
- Don't play loud blaring music in forests of jungle camps. You are a guest in that ecosystem and disturbing the locals (humans and animals) is not polite